बालाकोट एयरस्ट्राइक को एक साल पूरा हो गया है। इस मौके पर वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने कहा- एयरस्ट्राइक में हम और दोगुना लड़ाकू विमान और चार गुना हथियारों का इस्तेमाल कर सकते थे। इसकी पूरी प्लानिंग भी थी। लेकिन, वक्त रहते फैसला वापस ले लिया गया। हम नहीं चाहते थे कि वहां (पाकिस्तान) आम लोगों को क्षति पहुंचे। बेगुनाहों की जान जाए।
दरअसल, वायुसेना प्रमुख दिल्ली में आयोजित सेंटर फॉर एयर स्टडीज कार्यक्रम में मौजूद थे। उन्होंने कहा- एयरस्ट्राइक का फैसला लेना कठिन और साहसिक कदम था। इससे हमने पाकिस्तानी आतंकियों की कमर तोड़ दी। उनके प्रशिक्षण कैंप तबाह हो गए, जो उनके दिलों की धड़कन हुआ करती थी। भारतीय वायुसेना ने अपना लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किया।
पाकिस्तान ने अपने लोगों को दिखाने के लिए हमले का जवाब दिया
भदौरिया ने कहा- पाकिस्तान की वायुसेना ने इस हमले का जवाब 30 घंटे बाद बड़ी तैयारी के साथ ऑपरेशन स्विफ्ट रिटोर्ट के जरिए दिया था। भारतीय वायुसेना ने पूरा प्रयास किया कि वे (पाकिस्तान) लक्ष्य पर सटीक निशाना न साध सकें, वे हड़बड़ी में थे। उनकी ओर से यह सिर्फ अपने लोगों को दिखाने के उद्देश्य से किया गया इसलिए वह असफल रहे।
सीमा पार भी आतंकी सुरक्षित नहीं: राजनाथ
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- भारत के खिलाफ षडयंत्र रचने वाले आतंकी सीमा पार भी सुरक्षित नहीं हैं। हमारी सेना के पास उन्हें घर में घुसकर मारने की क्षमता है। बालाकोट एयरस्ट्राइक इसका उदाहरण है। आतंकवाद को खत्म करने के लिए भारत के रुख में बदलाव आ चुका है। देश की रक्षा के लिए सीमा पार करने में भी हम नहीं हिचकेंगे।
राजनैतिक नेतृत्व के कठोर निर्णय से हौसला मिलता है: सीडीएस रावत
सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा- प्रभावी सैन्य नेतृत्व और राजनैतिक नेतृत्व के कठोर निर्णय से जवानों को हौसला मिलता है। इसकी बानगी कारगिल, उरी और पुलवामा हमले के बाद देखने को मिली। बालाकोट एयर स्ट्राइक का संदेश बहुत स्पष्ट था कि हमारे लोगों पर जिस तरह का छद्म युद्ध चल रहा है, उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पुलवामा हमले के जवाब में वायुसेना ने बालाकोट पर एयरस्ट्राइक की थी
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए हमले में 44 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इसकी जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। हमले के जवाब में भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश के आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी।